Sunday, April 20, 2008

व्याख्याता

पति यह हो या वह ,
पत्नी यह हो या वह ,
कुछ फरक नहीं पड़ता ,
विवाह रुपी पिंजडा नहीं बदलता ।

मेरे काव्य संग्रह " भँवर " से