Wednesday, September 30, 2009

संकल्प

जो मुझे अच्छा लगे,
वह आपको भी भा जाए,
ज़रूरी तो नहीं।

बिल्ली चूहे के संग,
दोस्ती करे,
ऐसी लाचारी तो नहीं।

घोड़ा -घास के साथ,
मित्रता करे,
ऐसी मज़बूरी तो नहीं।

वोट दे न दे,
गल्त को दे,
ऐसे हालात तो नहीं।

दुनिया बदले या न बदले,
हाथ पर हाथ धरे रहना,
कोई हल तो नहीं।

सही करने की ठान लो,
हर्जाना चुकाना पड़ेगा,
यह नया विकल्प तो नहीं।

Tuesday, September 22, 2009

कुछ भी न होता

न हर्षोल्लास का सागर होता,
न ही प्यार की नदी होती,
कुछ भी न होता,
अगर तू न होती।

न गगन में तारे होते,
न पर्वतों पर बर्फ होती,
न चाँद घटता -बड़ता,
न ही चांदनी होती।

घनी - सुंदर वादियाँ,
तेरी एक नज़र को तरसती,
न जंगलों में कोहरा होता,
न झरनों की मधुर ध्वनी होती।

न फूलों में रंग होता,
न पंखडियों में कोमलता होती,
न सुबह का सूरज रंगीन होता,
न ही संध्या सुहानी होती।

न वन में मोर नाचता,
न कोयल की कूक होती,
कुछ भी न होता,
अगर तू न होती.