Monday, March 31, 2008

नया दौर

पशुता के इस दौर में,
नंगेपन की होड़ में,
सेवा-भावना लुप्त हो गई,
मानवता ख़त्म हो गई।

Sunday, March 30, 2008

अपना-बेगाना

अपने तो अपने होते हैं,
वे जान से प्यारे होते हैं,
इस बदलती दुनिया में,
वे क्यों बेगाने होते हैं।

Wednesday, March 26, 2008

सही बात

नवजात शिशु से सीख,
भेद-भाव मिटाना,
हँसते हुए रोते हुए,
हर एक को गले लगाना।

छोटी-छोटी बातों पर,
यूं ही खुश हो जाना,
एक क्षण रूठ कर,
दूसरे पल मान जाना।

Monday, March 17, 2008

देखो

देखो,स्वयं को अवश्य देखो,
दूसरों की नज़रों से देखो,
ख़ुद , खुदा नहीं हो, देखो,
खुदा, कोई और है देखो।