नेकी कर कुवें में डाल,
यह थी कल की बात ,
आज संसार के ,
बिगडे हैं हालत ।
नेकी ना करें ,
ख़बर दें छाप ,
झूठ बोल कर ,
पदमश्री हो प्राप्त ।
वर्षा हो ,
कोई नहीं करता प्रयास ,
दो बूंद जल चढ़ाकर,
करें स्वर्ग की आस .
ढोंगी का नाश ,
अक्सर होता है,
दूसरे की कबर खोदने वाला ,
स्वयं उसमें गिरता है।
भगवान् से डर,
उल जलूल काम ना कर,
अच्छा नहीं कर सकता ,
बुरा तो ना कर ।
Sunday, July 27, 2008
Subscribe to:
Posts (Atom)