अपने ख्यालों और जज्बातों को,
छिपाए रखो ,
प्रलय से बचना है,
बंद मुठ्ठी को बंद रखो ।
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जो भूखे होतें हैं ,
वे काम पर डटें होतें हैं ,
बातें करें पेट भरने की ,
पेट उनके भरे होतें हैं ।
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Tuesday, September 18, 2007
Sunday, September 16, 2007
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