Sunday, May 4, 2008

आह

नेताओं को गरीबों के,
दर्द का अहसास है,
अधिकतर छीन लिया,
शेष खून की प्यास है।

देख कर इनका बहशीपन,
मन विचलित हो उठता है,
मारूं तो किस मौत मारूं,
हर दंड कम लगता है.

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