बहुत बार ऐसा लगा,
जीवन की गाड़ी,
पटरी से,
उतर जायेगी।
खुदा का शुक्र है,
कर्मों का फल है,
शायद नसीब अच्छा है,
ऐसा नहीं हुआ।
मुसीबतें आईं ,
बार-बार आई,
ऐसा लगा,
मिट जाऊँगा।
जैसे-तैसे,
स्वयं को संभाला,
मेहनत की,
भँवर से निकाला।
दुःख आयेंगे,
घुटने न टेको,
धैर्य एवं संयम से,
कट जायेंगे।
यह आसान नहीं,
अत्यंत कठिन है,
नेक नियत से,
सम्भव है।
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2 comments:
patdi se nahi patri se utaro
aur aapki nake niyat ka jawab nahi
Dear Ved----Hit ji
Pleasantly surprised to hear from u through internet.Keep it up.
subhash
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