जो मुझे अच्छा लगे,
वह आपको भी भा जाए,
ज़रूरी तो नहीं।
बिल्ली चूहे के संग,
दोस्ती करे,
ऐसी लाचारी तो नहीं।
घोड़ा -घास के साथ,
मित्रता करे,
ऐसी मज़बूरी तो नहीं।
वोट दे न दे,
गल्त को दे,
ऐसे हालात तो नहीं।
दुनिया बदले या न बदले,
हाथ पर हाथ धरे रहना,
कोई हल तो नहीं।
सही करने की ठान लो,
हर्जाना चुकाना पड़ेगा,
यह नया विकल्प तो नहीं।
Wednesday, September 30, 2009
Tuesday, September 22, 2009
कुछ भी न होता
न हर्षोल्लास का सागर होता,
न ही प्यार की नदी होती,
कुछ भी न होता,
अगर तू न होती।
न गगन में तारे होते,
न पर्वतों पर बर्फ होती,
न चाँद घटता -बड़ता,
न ही चांदनी होती।
घनी - सुंदर वादियाँ,
तेरी एक नज़र को तरसती,
न जंगलों में कोहरा होता,
न झरनों की मधुर ध्वनी होती।
न फूलों में रंग होता,
न पंखडियों में कोमलता होती,
न सुबह का सूरज रंगीन होता,
न ही संध्या सुहानी होती।
न वन में मोर नाचता,
न कोयल की कूक होती,
कुछ भी न होता,
अगर तू न होती.
न ही प्यार की नदी होती,
कुछ भी न होता,
अगर तू न होती।
न गगन में तारे होते,
न पर्वतों पर बर्फ होती,
न चाँद घटता -बड़ता,
न ही चांदनी होती।
घनी - सुंदर वादियाँ,
तेरी एक नज़र को तरसती,
न जंगलों में कोहरा होता,
न झरनों की मधुर ध्वनी होती।
न फूलों में रंग होता,
न पंखडियों में कोमलता होती,
न सुबह का सूरज रंगीन होता,
न ही संध्या सुहानी होती।
न वन में मोर नाचता,
न कोयल की कूक होती,
कुछ भी न होता,
अगर तू न होती.
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