दबी-दबी सी आवाज़,
सुनो तो सही
लोग क्या कहते हैं,
सुनो तो सही।
अहंकार के अंधेरे में,
खो गए हो कहीं,
जहान कितना भी चिल्लाये,
आप सुनोगे नहीं।
अच्छा मानव कैसे बनेगा,
गर सुनता नहीं,
मात्र बोलने से,
ज्ञान बड़ता नहीं।
फल कैसे प्राप्त होगा,
तनिक सोचो तो सही,
फलों से लदी डालियाँ,
गर झुकेंगी नहीं।
आत्मा की आवाज़,
कभी सुनो तो सही,
दबी-दबी सी है,
सुनो तो सही।
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