संयम
अपने ख्यालों और जज्बातों को ,
छिपाये रखो ,
प्रलय से बचना है,
बंद मुठ्ठी को बंद रखो।
माना कि चुप रहना,
आसान नहीं,
आत्मा का घला घोटना ,
कोई आम बात नहीं।
यह सच है कि आपका बोलना,
बहुत जरूरी है,
पर चुप्पी साधे रखना ,
सबसे बडी मजबूरी है।
चलने दो दुनिया को,
जैसे चलती है,
अपना राग न अलापो ,
ऐसे ही गाड़ी बढ़ती है।
न बोलने में शांति,
बोलो तो अशांति ,
मौन रहो तो मिले स्वर्ग ,
कहो कुछ तो नरक ही नरक।
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Friday, October 26, 2007
Saturday, October 13, 2007
मूर्खता
तूने अपने को खुदा जाना,
मैंने स्वयं को खुदा माना,
सदियों से एक-दूसरे को जलाते रहे,
खुदा कौन! न में जाना, न तू जाना।
कभी खुदा के लिये,
कभी खुदाई के लिये,
मरने-मारने को मजबूर,
इतना अभिमान, इतना गुरूर।
बंदे खुदा को तेरी ज़रूरत नही,
बगेर तेरी मदद के बखूब जी लेगा,
क्यों लहू-लुहान करता हे,
उसे बदनाम करता हे।
विनती हे दुनिया के पागलों से,
भगवान् के नाम पे न लड़ो-मरो,
खुद के लिये जो चाहे करो,
खुदा का नाम न बदनाम करो।
तेरी काली-करतूतों का दण्ड,
तुझे अवश्य मिलेगा,
उसके घर देर हे अंधेर नही,
वह खुदा हे, बेसहारा नही।
मैंने स्वयं को खुदा माना,
सदियों से एक-दूसरे को जलाते रहे,
खुदा कौन! न में जाना, न तू जाना।
कभी खुदा के लिये,
कभी खुदाई के लिये,
मरने-मारने को मजबूर,
इतना अभिमान, इतना गुरूर।
बंदे खुदा को तेरी ज़रूरत नही,
बगेर तेरी मदद के बखूब जी लेगा,
क्यों लहू-लुहान करता हे,
उसे बदनाम करता हे।
विनती हे दुनिया के पागलों से,
भगवान् के नाम पे न लड़ो-मरो,
खुद के लिये जो चाहे करो,
खुदा का नाम न बदनाम करो।
तेरी काली-करतूतों का दण्ड,
तुझे अवश्य मिलेगा,
उसके घर देर हे अंधेर नही,
वह खुदा हे, बेसहारा नही।
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