संयम
अपने ख्यालों और जज्बातों को ,
छिपाये रखो ,
प्रलय से बचना है,
बंद मुठ्ठी को बंद रखो।
माना कि चुप रहना,
आसान नहीं,
आत्मा का घला घोटना ,
कोई आम बात नहीं।
यह सच है कि आपका बोलना,
बहुत जरूरी है,
पर चुप्पी साधे रखना ,
सबसे बडी मजबूरी है।
चलने दो दुनिया को,
जैसे चलती है,
अपना राग न अलापो ,
ऐसे ही गाड़ी बढ़ती है।
न बोलने में शांति,
बोलो तो अशांति ,
मौन रहो तो मिले स्वर्ग ,
कहो कुछ तो नरक ही नरक।
---------------------------------------------------------
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment