भाग्यवान हूँ ,
आम आदमी हूँ ,
जहाँ जी चाहे ,
आता - जाता हूँ ।
नेता - अभिनेता होता ,
कैदी सामान होता ,
दो चमचे आगे ,दो पीछे ,
मेरा पहनावा होता ।
दोस्त - दुश्मन की ,
न होती पहचान ,
ऐसे हालात,
करते परेशान।
धनवान होता ,
भाई -बहिनों से लड़ता ,
धन प्राप्ति लक्ष्य होता ,
धन ही खुदा होता ।
बहुत खुश हूँ ,
राम नहीं ,
शबरी के झूठे बेर खाना ,
प्रत्येक के बस की बात नहीं ।
आम आदमी के पास ,
न अपना न पराया आता ,
वह कितना भाग्यशाली है ,
काश वह आंक पाता .
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