Saturday, September 6, 2008

आम आदमी

भाग्यवान हूँ ,
आम आदमी हूँ ,
जहाँ जी चाहे ,
आता - जाता हूँ ।

नेता - अभिनेता होता ,
कैदी सामान होता ,
दो चमचे आगे ,दो पीछे ,
मेरा पहनावा होता ।

दोस्त - दुश्मन की ,
न होती पहचान ,
ऐसे हालात,
करते परेशान।

धनवान होता ,
भाई -बहिनों से लड़ता ,
धन प्राप्ति लक्ष्य होता ,
धन ही खुदा होता ।

बहुत खुश हूँ ,
राम नहीं ,
शबरी के झूठे बेर खाना ,
प्रत्येक के बस की बात नहीं ।

आम आदमी के पास ,
न अपना न पराया आता ,
वह कितना भाग्यशाली है ,
काश वह आंक पाता .

No comments: