कल फिर बम फटे,
बीच बाज़ार फटे ,
डंके की चोट पर ,
ललकार कर फटे ।
है नहीं अचरज ,
दोनों दुनिया की गन्दी उपज ,
एक बम बनाता है ,
दूसरा भाषण देता है ।
कुछ को पकड़ नहीं पाते,
इसलिए आजाद रह जाते ,
जिनको पकड़ सकते हैं ,
वे भी आजाद रहते हैं ।
कसूर हमारा है ,
दोनों के जन्म- दाता हैं ,
आंतक - वादी भी हमारा है ,
पुलिस भी हमारी है ।
हमारी मिली भगत से ,
भोली जाने जाती हैं ,
कुछ दिन रो - धो कर ,
कार्यवाही पुन: शुरू हो जाती है ।
आंतक वादी बम बनाने में ,
दिलो - जान से झुट जाता है ,
कर्ता - धर्ता शोर मचा कर ,
गहरी नींद सो जाता है ।
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1 comment:
पोटा कानुन को पुनर्स्थापित कर सबसे पहले सोनिया गान्धी, मनमोहन सिन्ह और शिवराज पाटिल को आतंकीयो से वोट के खातिर साठ्गाठ रखने के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए। वैसे मुझे लगता है की देश मे जो मुस्लीमो के नाम पर वारदातें हो रही है उसमे चर्च संगठनो का भी हात है। चर्च हिन्दु और मुसलमानो को लडाना चाहता है।
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