Saturday, February 7, 2009

अपमान

लेकर राम का नाम ,
मचायें कोहराम ,
कभी यह कभी वह जलाएं ,
लज्जा तनिक न आये।

माथे पर तिलक लगा ,
करें झूठा अभिमान ,
तोड़कर यह तोड़कर वह ,
इश्वर को करें बदनाम ।

बदलना है तो बदलो,
अपने सकीरण विचार ,
त्यागो ह्र्द्ध्य घृणा भरा ,
करो हर धर्म सवीकार।

मानव ही मानव का ,
जब हो न सका ,
वह सृष्टि का क्या होगा ,
इश्वर का क्या होगा ।

कभी इस लालच में ,
कभी उस लालच में ,
करता रहेगा नादान,
भगवान का अपमान .

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