बच्चा बहुत छोटा है ,
बोल नहीं पाता,
क्या दुःख - दर्द है ,
बता नहीं पाता।
अब जवान है ,
समझा नहीं पाता ,
उथल - पुथल मन की ,
ब्यान नहीं कर पाता ।
शादी हुई ,बच्चे हुऐ,
यूँ ही जीवन चलता ,
परिवार की खींचा - तानी में ,
मानव आगे बढ़ता ।
अब बूढा हो गया ,
सार ज़िन्दगी का कह सकता ,
सुनने वाला कोई नहीं ,
बुढापा चुप्पी में गुजरता ।
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